रामगोपाल जेना
चाईबासा : जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा द्वारा विभागीय सभागार में डाॅ.बसंत चाकी सहायक प्राध्यापक हो की अध्यक्षता में संगोष्ठी सह सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया था।
यहां पर वक्ता के रूप में कृष्ण चंद्र बोदरा, केंद्रीय अध्यक्ष आदिवासी हो समाज महासभा, शंकर लाल महतो, कुड़माली भाषा के साहित्यकार सह समाज सेवी, नरेश देवगन, वन विभाग के अधिकारी सह केंद्रीय उपाध्यक्ष, आदिवासी हो समाज महासभा, दिनेश महतो, टोटेमिक कुड़मि समाज के संस्थापक सदस्य सह समाज सेवी मौजूद रहे। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं।
अतिथियों का स्वागत सुभाष चंद्र महतो अपने संबोधन से किया और कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। विभाग की ओर से अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। सभी वक्ताओं ने बारी-बारी से सरहुल परब,बाहा परब के बारे में विस्तार से चर्चा किया ।
कृष्ण चंद्र बोदरा ने सरहुल परब में जनजातीय दर्शन को बताया, और आदिवासी दर्शन को विश्व का सर्वश्रेष्ठ दर्शन बताया। श्री शंकर लाल महतो ने सरहुल परब उत्पत्ति एवं उनकी महत्व को उजागर करते हुए विभिन्न विषयों का उदाहरण देकर बताए। वही श्री देवगन ने हो भाषा के लिपि की विशेषता को बताते हुए उनके इतिहास के बारे में चर्चा किया और सरहुल पर्व पर प्रकाश भी डाला।
दिनेश महतो ने भाषा संस्कृति को कैसे आगे बढ़ाया जाए और प्राकृतिक के साथ इसको जोड़कर अध्ययन किया जाए इसके बारे में विस्तार से चर्चा किया। विद्यार्थी द्वारा कार्यक्रम में रंगारंग गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति किए। जहां कुड़माली भाषा के विद्यार्थियों ने मनमोहन गीत पर नृत्य प्रस्तुत किये।
हो भाषा साहित्य के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गीत गाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। मनोरंजन के इस अवसर पर संथाली भाषा के विद्यार्थियों ने भी मनमोहन बाहा गीत का गाकर सुनाए। पूरा कार्यक्रम का संचालन अनंत कुमार हेम्ब्रम ने किया धन्यवाद ज्ञापन निशान हेंब्रम ने दिया। मुख्य रूप से पद्मावती महतो गोनो आलडा कनिका महतो, रेखा रानी महतो, गौतम महतो, जयद्रथ महतो, मनोज कुमार सोय, मेतिअस भुंइया, गणेश जॉन्को, संगी सुंडी समेत विद्यार्थी मौजूद थे।