रांची। कल 1857 भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान सेना नायक बड़का गढ़ के राजा अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव का 166 वां शहादत दिवस के अवसर पर,अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में जिला प्रशासन रांची व झारखंड सेनानी कोष गृहमंत्रालय झारखंड के संयुक्त सहयोग से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पारम्परिक रूप से समारोह का आयोजन कर अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित किया जाएगा।
समारोह में भारतीय स्वतंत्रता संग्रामके झारखंड के संदर्भ में अमर शहीदों के परिजन एक संगठित परिवार के रूप में प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। समारोह का आयोजन अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव चौक सेक्टर तीन गोल चक्कर एच ई सी धुर्वा में संपन्न होगा, समारोह का आयोजन दिन के दस बजे से प्रारंभ होगा, जिला प्रशासन रांची के निर्देशानुसार समारोह सादे रुप में आचार संहिता का पालन करते हुए किया जाएगा।
समारोह की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है
ज्ञातव्य है कि अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव तत्कालीन बडका गढ़ आज का पुर्वी रांची के राजा थे,1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में लगभग छे महीने तक अंग्रेजों को छोटा नागपुर से खदेड़ कर भगा दिया था और रांची को स्वतंत्र घोषित कर दिया था, और पुरे छोटा नागपुरराज का शासन डोरंडा रांची से किया था।
अंग्रेज़ी हुकूमत ने स्वतंत्रता आंदोलन के अगुआ होने के कारण 16अपरैल 1858 को जिला स्कूल रांची के प्रांगण में एक पेड़ पर लटका कर फांसी दे दिया गया था, उनके हटिया गढ़ को भी चौबीस घंटे में तोप से उड़ा दिया था। उनकी पत्नी महारानी वानेश्वरी कुंवर ने अपने एक वर्ष के इकलौते पुत्र कपिल नाथ शाहदेव को लेकर अपने विश्वस्त सैनिकों के सहयोग से गुप्त वास मे चली गई थी।
इस क्रम में जगन्नाथ पुर मंदिर को भी बड़का गढ़ राज्य के साथ अपने अधीन कर लिया था,अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की पत्नी महारानी वानेश्वरी कुंवर ने लड़ाई कर जगन्नाथपुर मंदिर को अंग्रेजों से ले ली थी और आज भी अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव का परिवार अमर शहीदों को उचित सम्मान दिलाने का दाईत्व का निर्वहन पारम्परिक रूप से कर रहा है और अंग्रेजी हुकूमत के सजा के तौर पर अंग्रेजी हुकूमत के अधीन बड़का गढ़ को वापस पाने के लिए सफलता पूर्वक संघर्ष किया जा रहा है।
मामला अभी उच्च न्यायालय झारखंड में दायर है, जिसका नम्बर wpc no 5304/2013 लाल प्रवीर नाथ शाहदेव बनाम झारखंड सरकार वैगरह है। झारखंड सरकार के द्वारा हलफनामा दायर कर न्यायालय को बताया है कि देश के लिए बलिदान देने के लिए शहादत सम्मान राशि के रूप में कुछ राशि शहीद के प्रत्यक्ष उतराधिकारीयों को झारखंड सरकार के द्वारा प्रदान किया गया है और यह भी कहा है कि बड़का गढ़ को जमींदारी उन्मूलन कानून के अंतर्गत सरकार में निहित नहीं किया गया है, और न ही उन्मूलन के लिए कोई प्रक्रिया प्रारंभ किया गया है।
ऐसी बात आने पर आवेदक के तौर पर प्रवीर नाथ शाहदेव के द्वारा न्यायालय से प्रार्थना में संसोधन की मांग किया कि ऐसी स्थिति में सरकारी दस्तावेजों में अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के आवेदक प्रवीर नाथ शाहदेव एवं अन्य सभी प्रत्यक्ष उतराधिकारीयों का नाम दर्ज कर दी जाय।
संसोधन उच्च न्यायालय झारखंड के द्वारा संसोधन स्विकार कर लिया गया है, और बहुत जल्द अग्रतर कारवाइ की संभावना है, शहीद परिजनों को भारतीय न्याय व्यवस्था पर पुरा भरोसा है,अब समय दुर नहीं जब अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के परिजनों को 166 वर्षों से जारी अंग्रेजी सजा से स्थाइ तौर पर मुक्ति मिल जाएगी। इस आशय की जानकारी अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी लाल प्रवीर नाथ शाहदेव ने दी।